
देवरिया। संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है और संस्कृत के शब्द सभी भारतीय भाषाओं के मूल में उपलब्ध हैं, अतः संस्कृत सभी की मूल भाषा है। यह विचार संस्कृत महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य एवं संस्कृत कवि डॉ. सिंहासन पाण्डेय ने व्यक्त किए। वे संस्कृत भारती द्वारा आयोजित संस्कृत सप्ताह के समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम श्री दुर्गा जी गर्ल्स स्कूल, भीखमपुर रोड, देवरिया में आयोजित हुआ।


संस्कृत भारत की आत्मा है – डॉ. दुर्गेश पाण्डे
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्कृत भारती के विभाग संयोजक डॉ. दुर्गेश पाण्डेय ने कहा कि संस्कृत भारत की आत्मा है और प्रत्येक भारतीय को संस्कृत सीखनी चाहिए। उन्होंने बताया कि संस्कृत भारती संस्कृत सप्ताह के माध्यम से नई पीढ़ी को संस्कृत से जोड़ने का अभियान चला रही है।
संस्कृत को जनभाषा बनाने का संकल्प
कार्यक्रम के संचालनकर्ता एवं आयोजक श्री फणीन्द्र मणि त्रिपाठी, नगर संयोजक, संस्कृत भारती ने कहा कि संगठन बोलचाल के माध्यम से संस्कृत को जनभाषा बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है। देवरिया में आयोजित यह कार्यक्रम भी इसी श्रृंखला का हिस्सा है।


सरस्वती पूजन से हुई शुरुआत
कार्यक्रम का आरंभ माता सरस्वती के पूजन से हुआ। इसके बाद संस्कृत सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
प्रतियोगिता के परिणाम
प्रथम स्थान: दीपाली, प्रियांशु, शांभवी, अमन यादव, नक्श पटेल, आरिफ अंसारी
द्वितीय स्थान: सोनम, अंजलि, कृति प्रजापति, शुभम, शौर्य
तृतीय स्थान: शिल्पी, रोशन, गौरव, सूरज


कार्यक्रम की अध्यक्षता
कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्रबंधक श्री रामचंद्र मिश्र ने की। इस अवसर पर विजेता प्रतिभागियों सहित सभी अध्यापक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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