सलेमपुर, देवरिया।
महिलाओं के सामाजिक और सांस्कृतिक सशक्तिकरण की दिशा में एक अनूठी पहल करते हुए सलेमपुर के महदहा मेन रोड स्थित उत्सव मैरिज हॉल में सदा बहार महिला समूह के नेतृत्व में मंगलवार की रात डांडिया नाइट समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम ने नगर की महिलाओं को उत्सव, संगीत और उमंग से सराबोर कर दिया।
रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधानों में सजी महिलाओं ने गरबा की ताल पर झूमकर पूरे वातावरण को जीवंत बना दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ उपजिलाधिकारी दिशा श्रीवास्तव ने माँ दुर्गा की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। समूह की अध्यक्ष अंजू गुप्ता ने चुनरी ओढ़ाकर उनका सम्मान किया, वहीं आशा गुप्ता ने स्मृति चिन्ह भेंट किया। सरोज गुप्ता ने बेंच प्रदान की, सरोज जायसवाल ने तिलक लगाया और पूनम यादव ने डांडिया भेंट कर उनका अभिनंदन किया।


संगीत की लय पर महिलाओं ने समूह में डांडिया और गरबा नृत्य प्रस्तुत किया। किसी ने पारंपरिक धुनों पर कदम थिरकाए, तो किसी ने आधुनिक संगीत पर अपनी अदाएं बिखेरीं। कार्यक्रम के दौरान मनोरंजन के साथ-साथ कई खेल प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं, जिनमें विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
शहर भर से 200 से अधिक महिलाओं ने इस उत्सव में भाग लिया। प्रमुख प्रतिभागियों में प्रतिभा यादव, अर्चना यादव, नीलम यादव, अंजली सौरेभ, स्नेहा सौरेभ, रोहिणी जायसवाल, नेहा सिंह, प्रिया वर्मा, उपासना गुप्ता, आश्रिता बरनवाल, प्राची गुप्ता, नूतन गुप्ता, सुनीता गुप्ता, शिवांगी, माला, वर्षा, सोनम, अलका, गिरिजा, निकेता, खुशबू, रीना, नीलम, जूली आदि शामिल रहीं।

इस अवसर पर उपजिलाधिकारी दिशा श्रीवास्तव ने कहा—
“इस आयोजन के माध्यम से उन महिलाओं को खुलकर जीने का अवसर मिला जो प्रायः घर और जिम्मेदारियों में सीमित रहती हैं। आज उन्होंने खुद के लिए कुछ पल जिए, खुलकर मुस्कुराईं और अपने अंदर की ऊर्जा को महसूस किया। महिला सशक्तिकरण में सदा बहार महिला समूह का योगदान प्रशंसनीय है।”
उन्होंने आगे कहा कि ऐसे आयोजन समाज में महिलाओं के आत्मविश्वास, सामाजिक जुड़ाव और सांस्कृतिक चेतना को प्रोत्साहित करते हैं।
कार्यक्रम के समापन पर समूह की सभी महिलाओं ने सामूहिक नृत्य करते हुए “गरबा की रात” को यादगार बना दिया। यह सदा बहार महिला समूह का दूसरा सफल आयोजन था, जिसने सलेमपुर की महिलाओं के बीच एकता, आत्मबल और सशक्तिकरण का सुंदर संदेश दिया।
इस पूरे आयोजन की कमान समूह की कर्मठ और ऊर्जावान महिलाओं — अंजू गुप्ता, आशा गुप्ता, सरोज गुप्ता, सरोज जायसवाल और पूनम यादव — ने संभाली। उनकी मेहनत और समर्पण ने न केवल इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक रूप दिया, बल्कि सलेमपुर की महिलाओं के लिए एक ऐसा मंच तैयार किया जहाँ वे खुद को व्यक्त कर सकें, अपनी प्रतिभा दिखा सकें और अपनी खुशी खुलकर मना सकें।
यह आयोजन इस बात का प्रतीक बना कि जब महिलाएं संगठित होती हैं, तो वे न सिर्फ खुद को बल्कि समाज को भी एक नई दिशा देने की ताकत रखती हैं।

