भारत ने अपनी रक्षा क्षमता को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाते हुए पहली बार रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर से मध्यम दूरी की ‘अग्नि-प्राइम’ (Agni-Prime) मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह ऐतिहासिक उपलब्धि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और सामरिक बल कमान (SFC) के सहयोग से हासिल की गई।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता को “भारत की रक्षा तकनीक में बड़ी छलांग” बताते हुए कहा कि इसने देश को उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल कर दिया है, जिनके पास चलते-फिरते रेल नेटवर्क से मिसाइल दागने की क्षमता है।
अग्नि-प्राइम मिसाइल की प्रमुख खूबियां
- मारक क्षमता: 2000 किलोमीटर तक लक्ष्य को भेद सकती है।
- मोबाइल डिप्लॉयमेंट: रेलवे नेटवर्क पर बिना किसी बदलाव के कहीं भी ले जाकर तैनात की जा सकती है।
- लो विजिबिलिटी और क्विक रिएक्शन: यह सिस्टम दुश्मन की नज़र में आए बिना बेहद कम समय में लॉन्च की सुविधा देता है।
- एडवांस्ड टेक्नोलॉजी: अत्याधुनिक संचार प्रणालियों और सुरक्षा तंत्र से लैस, जिससे यह आत्मनिर्भर और फुली ऑपरेशनल है।
- कैनिस्टराइज्ड लॉन्च सिस्टम: मिसाइल को सुरक्षित कंटेनर से लॉन्च किया जाता है, जिससे ट्रांसपोर्टेशन और तैनाती बेहद आसान और तेज़ हो जाती है।
क्यों अहम है रेल आधारित लॉन्चर?
अब तक मिसाइल सिस्टम को तैनात करने के लिए खास लोकेशन या रोड-बेस्ड सिस्टम की ज़रूरत होती थी। लेकिन रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर की मदद से भारत अपने पूरे रेल नेटवर्क का इस्तेमाल कर सकता है। इसका सीधा फायदा है:
- देशभर में आसान गतिशीलता (Mobility)
- दुश्मन की निगरानी से बचने के लिए लो विजिबिलिटी
- फुली ऑपरेशनल सिनैरियो में तेज़ प्रतिक्रिया क्षमता
- रणनीतिक लचीलापन और सरप्राइज़ एलिमेंट
लॉन्च कहां से हुआ?
हालांकि रक्षा मंत्रालय ने लॉन्च साइट का खुलासा नहीं किया है, लेकिन यह जानकारी दी गई है कि परीक्षण पूरी तरह से ऑपरेशनल सिनैरियो में किया गया और इसमें मिशन के सभी उद्देश्यों को हासिल किया गया।
डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिक और सामरिक बल कमान के अधिकारी इस दौरान मौजूद रहे। मिसाइल के प्रक्षेप पथ पर नजर रखने के लिए कई ग्राउंड स्टेशनों और उन्नत ट्रैकिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया गया।
भारत की सामरिक मजबूती में नया अध्याय
रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि ‘अग्नि-प्राइम’ का रेल आधारित सफल परीक्षण भविष्य में भारतीय सामरिक बलों (Strategic Forces) के लिए बड़ी रणनीतिक बढ़त साबित होगा। इससे देश की न्यूक्लियर डिटरेंस (Nuclear Deterrence) पॉलिसी और मजबूत होगी।
सड़क आधारित अग्नि-पी (Agni-P) को पहले ही सेना में शामिल किया जा चुका है और अब रेल आधारित लॉन्चर का सफल परीक्षण भारत को सुरक्षा के मोर्चे पर और मज़बूत बनाता है।
‘अग्नि-प्राइम’ का रेल आधारित सफल परीक्षण भारत की आत्मनिर्भर रक्षा तकनीक (Atmanirbhar Bharat) की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह न केवल देश की सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करेगा बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की रणनीतिक स्थिति को भी और सुदृढ़ करेगा।
