भारत की वायु शक्ति में ऐतिहासिक छलांग, अमेरिका और रूस के बाद तीसरा स्थान
भारत ने चीन को पीछे छोड़ा
विश्व की प्रमुख सैन्य विमानन रैंकिंग संस्था World Directory of Modern Military Aircraft (WDMMA) ने वर्ष 2025 की नई रिपोर्ट जारी की है, जिसमें भारत ने चीन को पछाड़कर दुनिया की तीसरी सबसे शक्तिशाली वायुसेना का स्थान हासिल किया है।
भले ही भारत के पास चीन की तुलना में कम विमान हैं, लेकिन इसकी रणनीतिक क्षमता, संतुलित बल संरचना और युद्ध तत्परता ने इसे उच्च स्थान दिलाया है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना की उत्कृष्ट प्रदर्शन क्षमता पहले ही यह साबित कर चुकी है कि आधुनिक वायु शक्ति किसी भी युद्ध का रुख बदल सकती है।
क्या है WDMMA की TruVal Rating (TVR)?
WDMMA हर वर्ष एक TruVal Rating (TVR) जारी करती है, जो किसी भी देश की वायुसेना की केवल संख्या नहीं बल्कि उसकी कुल गुणवत्ता, आधुनिकता, लॉजिस्टिक सपोर्ट, आक्रमण और रक्षा क्षमता, प्रशिक्षण स्तर और स्थानीय उद्योग सहयोग जैसे पहलुओं का संयुक्त मूल्यांकन करती है।
यह रेटिंग यह दर्शाती है कि कोई भी वायुसेना केवल “कितने विमान हैं” पर नहीं, बल्कि “वे कितने सक्षम, तैयार और संतुलित हैं” पर टिकी होती है।
2025 की WDMMA वैश्विक रैंकिंग
स्थान देश TruVal रेटिंग (TVR) सक्रिय विमान (2025)
1 अमेरिका 242.9 5,004 विमान
2 रूस 114.2 3,677 विमान
3 भारत 69.4 1,716 विमान
4 चीन 63.8 3,733 विमान
5 जापान 58.1 —
6 इज़रायल 56.3 —
7 फ्रांस 55.3 —
अमेरिकी वायुसेना: सबसे आगे, सबसे मजबूत
संयुक्त राज्य अमेरिका वायुसेना (USAF) 242.9 के सर्वाधिक TVR स्कोर के साथ पहले स्थान पर है।
इसके पास 5,004 सक्रिय विमान हैं, जिनमें रणनीतिक बॉम्बर, CAS (Close Air Support) विमान, मल्टीरोल फाइटर जेट्स, हेलीकॉप्टर और सैकड़ों परिवहन विमान शामिल हैं।

USAF की शक्ति का बड़ा हिस्सा उसके स्थानीय औद्योगिक आधार से आता है — यानी अधिकांश विमान अमेरिका में ही निर्मित होते हैं।
निकट भविष्य में भी अमेरिका अपने बेड़े को और मजबूत करने जा रहा है, क्योंकि सैकड़ों नए विमान ऑर्डर पर हैं।
रूसी वायुसेना: अब भी दूसरी सबसे बड़ी शक्ति
रूस की वायुसेना (Russian Air Force) 114.2 TVR के साथ दूसरे स्थान पर है।
इसके पास 3,677 सक्रिय विमान हैं और इसका ध्यान हमला, लॉजिस्टिक्स, विशेष मिशन और प्रशिक्षण इकाइयों पर केंद्रित है।
रूस का बड़ा बल उसके भारी बॉम्बर्स और लड़ाकू विमानों पर आधारित है, जो यूरोपीय और एशियाई क्षेत्रों में रणनीतिक संतुलन बनाए रखते हैं।
भारतीय वायुसेना: संतुलित और सक्षम बल
भारतीय वायुसेना (IAF) के पास 1,716 सक्रिय विमान हैं और इसका TVR स्कोर 69.4 है।
WDMMA के अनुसार, भारत की वायुसेना को संतुलित (Balanced Force) कहा जा सकता है —
इसमें लगभग 31.6% फाइटर जेट्स, 29% हेलीकॉप्टर और 21.8% ट्रेनर विमान शामिल हैं।
भारत की वायुसेना का फोकस न केवल रक्षा पर बल्कि मानवीय मिशन, लॉजिस्टिक्स, और आधुनिक मल्टीरोल फाइटर बेड़े के निर्माण पर भी है।
स्थानीय स्तर पर HAL जैसी कंपनियाँ और तेजस, प्रचंड, और आने वाला AMCA जैसे स्वदेशी प्रोजेक्ट्स इसे आत्मनिर्भर बना रहे हैं।
चीन चौथे स्थान पर क्यों गया पीछे
चीन के पास 3,733 विमान हैं, लेकिन WDMMA के मुताबिक, उसकी वायुसेना का बड़ा हिस्सा संख्या (Quantity) पर आधारित है, न कि गुणवत्ता (Quality) पर।
उसके 52.9% विमान फाइटर जेट्स हैं, लेकिन कई पुरानी श्रेणी के हैं।
इसके अलावा, चीन की वायुसेना भारी रूप से घरेलू निर्माण और विदेशी आयातित तकनीक (विशेषकर रूस) पर निर्भर है।
एशिया में रणनीतिक संतुलन में बदलाव
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि WDMMA की यह नई रैंकिंग एशिया में शक्ति संतुलन (Strategic Balance) को पुनः परिभाषित कर रही है।
भारत की उन्नत वायु क्षमताएँ न केवल पाकिस्तान पर बल्कि चीन की सैन्य रणनीति पर भी प्रत्यक्ष प्रभाव डाल सकती हैं।
भारत की वायुसेना अब केवल संख्या के आधार पर नहीं, बल्कि अपनी प्रशिक्षण क्षमता, संतुलित संरचना, और आधुनिक तकनीक के बल पर वैश्विक मंच पर तीसरे स्थान पर है।
यह उपलब्धि भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता (Defence Self-Reliance) और रणनीतिक सोच का प्रमाण है।
