सलेमपुर (देवरिया)। नगर के प्रतिष्ठित विद्यालय जी एम एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में रक्षाबंधन के पावन अवसर पर राखी निर्माण प्रतियोगिता का भव्य आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में कक्षा 1 से लेकर कक्षा 12 तक के छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और अपनी रचनात्मकता से आकर्षक राखियों का निर्माण किया।


राखी केवल एक धागा नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की गहराई और भावनात्मक संबंधों की गाथा है। यह पर्व हमें पारिवारिक एकता, स्नेह और विश्वास की भावना सिखाता है। प्राचीन समय से ही यह पर्व बहन और भाई के पवित्र रिश्ते को और मजबूत बनाने का अवसर प्रदान करता है।
शिक्षकों की देखरेख में हुआ राखी निर्माण



राखियों का निर्माण कक्षा-कक्षों में शिक्षकों की निगरानी में किया गया। कार्यक्रम की विशेष बात यह रही कि छात्राओं ने स्वयं बनाई गई राखियां भाई स्वरूप सहपाठियों को बांधकर आपसी प्रेम, विश्वास और सांस्कृतिक मूल्यों का प्रदर्शन किया।
हुमायूं-कर्मवती पर आधारित नाट्य ने मोहा मन
प्रतियोगिता के दौरान एक ऐतिहासिक नाट्य प्रस्तुति भी दी गई, जो हुमायूं और कर्मवती की कथा पर आधारित थी।


नन्हे-मुन्ने बच्चों द्वारा प्रस्तुत इस नाटक ने सभी दर्शकों का मन मोह लिया और तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उसकी सराहना की गई।
ऐतिहासिक महत्व:
इतिहास में कई प्रसंग मिलते हैं, जहाँ राखी का महत्व सामने आया है। जैसे कि रानी कर्मवती ने मुगल शासक हुमायूं को राखी भेजकर अपनी रक्षा की गुहार लगाई थी और हुमायूं ने उस वचन को निभाया। इस प्रकार यह पर्व केवल रिश्तों तक सीमित नहीं, बल्कि सामाजिक और मानवीय मूल्यों को भी दर्शाता है।
प्रधानाचार्य मोहन द्विवेदी ने दिया संदेश
विद्यालय के प्रधानाचार्य मोहन द्विवेदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा –
“रक्षाबंधन का पर्व भाई बहन के पवित्र प्रेम और विश्वास का पर्व है। यह हमारे संस्कार और भारतीय संस्कृति को मजबूती और सुरक्षा प्रदान करता है। राखी का त्योहार हम सभी को बहुत धूमधाम से मनाना चाहिए तथा भाई बहन दोनों को एक दूसरे की सुरक्षा, मर्यादा और प्रतिष्ठा का सदैव ख्याल रखना चाहिए। जी एम एकेडमी के छात्र छात्राओं के उत्साह ने इसकी गरिमा में चार चांद लगा दिया।”
राखी का सांस्कृतिक महत्व:
राखी केवल एक धागा नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की गहराई और भावनात्मक संबंधों की गाथा है। यह पर्व हमें पारिवारिक एकता, स्नेह और विश्वास की भावना सिखाता है। प्राचीन समय से ही यह पर्व बहन और भाई के पवित्र रिश्ते को और मजबूत बनाने का अवसर प्रदान करता है।
राखी का पर्व न केवल भाई-बहन को जोड़ता है, बल्कि समाज में प्रेम, विश्वास और सौहार्द का संदेश भी देता है। यह त्योहार हमें यह सिखाता है कि एक-दूसरे की रक्षा, सम्मान और सहयोग ही हमारे रिश्तों की असली ताकत है। हमें इस पर्व को पूरे हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाना चाहिए।
