जी एम एकेडमी में बढ़ चढ़ कर मनाया गया विश्व योगा दिवस
सलेमपुर (देवरिया)। नगर के अग्रणी विद्यालय जी एम एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में विश्व योगा दिवस पर नौवीं से बारहवीं के उपस्थित समस्त छात्र-छात्राओं को योग के महत्व को बताते हुए अनेकों योगाभ्यास कराया गया।
योग प्रशिक्षक वेद प्रकाश दुबे ने पाद हस्तासन, अर्द्ध चक्रासन, त्रिकोणासन, दण्डासन, भद्रासन, वज्रासन, वक्रासन, शलभासन, सेतुबंध आसन, भुजंगासन, ताड़ासन, वृक्षासन, हलासन, कटि चक्रासन, मकरासन, सर्वांगासन, कपालभाति, नाडी़ शोधन, सूर्य नमस्कार के साथ साथ शीतली प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम, ध्यान मुद्रा आदि का अभ्यास कराते हुए उनके महत्व एवं मिलने वाले लाभों की विस्तृत व्याख्या करते हुए नियमित योग की विशेष सलाह दी।

- वृक्षासन – यह संतुलन , स्थिरता, एकाग्रता में सुधार करने में madad करता है। साथ ही पैरों टखनों एवं रीढ़ की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
- अर्धचक्रासन – यह रीढ़ की हड्डी को मजबूत और लचीला बनाता है, पाचन में सुधार करता है, फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है।
- उत्तनमंदुकासन – पाचन में सुधार करता है, मन को शांत, तनाव और चिंता को समाप्त करता है। रक्त चाप को सुधार करता है।
- नाडी शोधन आसान – एकाग्रता और ध्यान में सुधार करता है, श्वसन तंत्र को मजबूत बनाता है।
- व्रजासन – यह पाचन में सुधार , पीठ दर्द से राहत और मन को शांत करता है।
- मकरासन – यह तनाव चिंता को कम करने , रीढ़ की हड्डी को मजबूत करने और श्वसन प्रणाली में सुधार करने में madad करता है।
- सेतुबंध आसन – यह छाती, गर्दन, रीढ़ को फैलता है और साथ ही पीठ( ग्लूटस) और हैमस्ट्रिंग को मजबूत करता है।
- उत्तानपादासन – यह आसान पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने और पाचन में सुधार करने और पैरों में रक्त परिसंचरण को बढ़ाने में मदद करता करता है।
- अर्ध हलासन – यह आसान पीठ दर्द से राहत और रक्त परिसंचरण में सहायता करता है।
- भुजंगासन – यह रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है और लचीला बनाता है तथा छाती, कंधों और पेट को फैलता है। पाचन में सुधार करता है।
इन आसनों के अतिरिक्त वेदप्रकाश दुबे ने अन्य महत्वपूर्ण आसान एवं उनसे होने वाले लाभों को भी छात्रों को जानकारी सांझा किया। जिनमें प्रमुख हैं उत्तनपाद आसान, अर्ध उष्ट्रासन, उष्ट्रासन, शीतली प्राणायाम आदि।
छात्रों को विशेष प्रेरणा

प्रधानाचार्य मोहन द्विवेदी ने कहा कि योग नियमित करने की क्रिया है। भगवान द्वारा दिए गये इस कीमती शरीर का कोई हिस्सा बाजार में उपलब्ध नहीं है। नियमित योग द्वारा हम सभी को अपने शरीर को स्फूर्तिवान और निरोगी बना सकते हैं। आगे श्री द्विवेदी ने कहा कि सीखें योग, पूर्ण मनोयोग, बने रहेंगे सदा निरोग। योग दिवस अनुशासन, स्वास्थ्य एवं संतुलन की शिक्षा का दिवस होता है, जो हमें प्राकृतिक रुप से परिपूर्ण करता है।

विद्यालय की शारीरिक शिक्षा की अध्यापिका विभूषिका द्विवेदी, खेल अध्यापक राकेश मिश्रा, दिलीप सिंह, आशुतोष तिवारी, एस एन पांडेय, सुनील गुप्ता, प्रमोद यादव, मुन्ना चौहान, विकास विश्वकर्मा, अभिषेक मौर्या आदि की भूमिका सराहनीय रही।
इस आनंददायक योगा में दिव्या, महिमा, अमन, राज, सिद्धार्थ सहित नौवीं से बारहवीं के सैकड़ों छात्र छात्राएं तथा समस्त अध्यापक अध्यापिकाओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। अंत में प्रधानाचार्य ने योग प्रशिक्षक श्री दुबे द्वारा बताए गए सभी योगाभ्यास की सराहना करते हुए धन्यवाद ज्ञापित कर अंगवस्त्रम् से सम्मानित किया।


