सलेमपुर (देवरिया): नगर पंचायत सलेमपुर के अग्रणी विद्यालय जी.एम. एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में दीपावली की पूर्व संध्या पर रंगोली प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन बड़े ही हर्षोल्लास और रचनात्मकता के साथ किया गया। विद्यालय परिसर दीपों, फूलों और रंगों से सजाया गया, जिससे पूरा वातावरण दीपोत्सव की भावना से सराबोर हो उठा।
दो चरणों में संपन्न हुई रंगोली प्रतियोगिता
कार्यक्रम की शुरुआत रंगोली प्रतियोगिता से हुई, जो दो चरणों में आयोजित की गई।
पहले चरण में कक्षा पहली से चौथी तक के नन्हे-मुन्ने बच्चों ने पारंपरिक और धार्मिक डिज़ाइन बनाकर अपनी सृजनशीलता दिखाई।
दूसरे चरण में कक्षा पाँचवीं से बारहवीं तक के छात्रों ने अपनी कल्पनाशक्ति और कला-कौशल से विद्यालय को रंगों की दुनिया में बदल दिया।

किसी ने माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की भव्य आकृति बनाई, तो किसी ने ऑपरेशन सिंदूर, पर्यावरण संरक्षण, सोशल मीडिया जागरूकता और मोबाइल फोन के दुष्प्रभाव जैसे सामाजिक विषयों पर संदेश देती रंगोलियाँ प्रस्तुत कीं।
वहीं, कुछ विद्यार्थियों ने विद्यालय का आकर्षक लोगो रंगों के माध्यम से उकेरा, जो सभी का ध्यान खींचता रहा।






कला मार्गदर्शक मुन्ना चौहान की सराहनीय भूमिका
विद्यालय के ड्राइंग शिक्षक मुन्ना चौहान के निर्देशन में तैयार की गई रंगोलियों ने बच्चों की मेहनत और रचनात्मकता को निखार दिया।
प्रधानाचार्य सहित सभी शिक्षकों ने उनकी भूमिका की प्रशंसा की और कहा कि “ऐसे शिक्षक ही बच्चों में कला और सृजनशीलता की ज्योति जलाते हैं।”
मंच पर सजी दीपोत्सव की झलक
रंगोली प्रतियोगिता के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें छात्रों ने दीपावली थीम पर आधारित गीत, नृत्य और नाट्य प्रस्तुतियाँ दीं।
शिवांग मिश्रा ने प्रकाश पर्व का महत्व बताया, अंशिका सिंह ने दीपावली मनाने के तरीकों पर शानदार भाषण दिया, और आदर्श मिश्र ने श्लोक प्रस्तुत कर सभी को भावविभोर कर दिया।
नन्ही चैत्राली की तोतली आवाज़ में गाया गया गीत “कभी लाम बनके कभी छाम बनके” सबके चेहरों पर मुस्कान ले आया।




ढोल नगाड़ों की गूंज में झूमे बच्चे
प्रियांशी, अनुराधा, साक्षी, साध्वी और प्रिशा की “नगाड़े संग ढोल बाजे” प्रस्तुति ने पूरे माहौल को उत्सवमय बना दिया।
नर्सरी और एलकेजी वर्ग के नन्हे बच्चों की प्रस्तुतियाँ भी अत्यंत मनमोहक रहीं, जिन्हें देखकर अभिभावक और शिक्षक सभी प्रसन्नचित्त नजर आए।
प्रधानाचार्य का प्रेरणादायक संदेश
कार्यक्रम के दौरान प्रधानाचार्य मोहन द्विवेदी ने सभी रंगोलियों का निरीक्षण कर छात्रों की प्रतिभा और लगन की सराहना की।
उन्होंने कहा —
“बच्चों ने यह साबित कर दिया कि पढ़ाई के साथ-साथ कला के क्षेत्र में भी वे किसी से पीछे नहीं हैं। दीपावली का पर्व हमें अपने भीतर की अच्छाई और रोशनी को खोजने की प्रेरणा देता है। यह त्योहार स्वच्छता, नारी सम्मान और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है।”
प्रधानाचार्य ने सभी विद्यार्थियों, अभिभावकों और देशवासियों को दीपावली एवं छठ पर्व की शुभकामनाएँ दीं और बच्चों से प्रदूषण रहित दीपावली मनाने की अपील की।
मिठास और शुभकामनाओं के साथ हुआ समापन
कार्यक्रम के समापन अवसर पर प्रधानाचार्य मोहन द्विवेदी, डॉ. अभिषेक मिश्र और अवनीश मिश्र ने सभी शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को मिष्ठान प्रदान कर दीपावली की बधाइयाँ दीं।
विद्यालय के चेयरमैन डॉ. श्री प्रकाश मिश्र और निदेशिका डॉ. संभावना मिश्रा ने पूरे विद्यालय परिवार को मिठाई भेजी और दूरभाष के माध्यम से शुभकामनाएँ व्यक्त कीं।
आयोजन ने दी सामाजिक एकता और स्वच्छता का संदेश
जी.एम. एकेडमी का यह आयोजन केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि दीपावली की असली भावना का प्रतीक था —
जहाँ बच्चों की कला, उत्साह और सामाजिक संदेशों ने मिलकर यह बताया कि दीपावली केवल उत्सव नहीं, बल्कि पर्यावरण, सृजनशीलता और सामाजिक एकता का प्रतीक पर्व है।

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