Air India विमान हादसा: चमत्कारी रूप से बचा यात्री, 242 में से एकमात्र जीवित – प्रधानाचार्य मोहन द्विवेदी एवं G.M. Academy परिवार की ओर से भावपूर्ण श्रद्धांजलि

अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 टेकऑफ के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हादसे में 241 से अधिक लोग मारे गए, लेकिन सीट 11A पर बैठे रमेश विश्वास कुमार चमत्कारी रूप से बच निकले। इस हादसे ने बोइंग के ड्रीमलाइनर विमानों की सुरक्षा पर फिर से गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

प्रधानाचार्य मोहन द्विवेदी का संदेश:

“ईश्वर सभी दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा उनके परिजनों को यह असहनीय पीड़ा सहने की शक्ति प्रदान करें। यह क्षति अपूरणीय है, परंतु हमारी संवेदनाएँ सदैव उनके साथ हैं।”

– प्रधानाचार्य मोहन द्विवेदी

G.M. Academy परिवार, सलेमपुर

🕯️ ॐ शांति 🙏

Boeing 787 Dreamliner: विवादों से जुड़ा पुराना इतिहास

अमेरिकी विमान निर्माता बोइंग के 787 ड्रीमलाइनर मॉडल की शुरुआत से ही विवादों से नाता रहा है। अमेरिकी सरकार ने पिछले पाँच वर्षों में दो बार चेतावनी दी थी कि इन विमानों के निर्माण में गंभीर खामियाँ हो सकती हैं।

2011 में व्यावसायिक संचालन में आने के बाद से ही इस मॉडल में आग लगने, सीट और केबिन की तकनीकी समस्याएं, और आपातकालीन स्थितियों के कई मामले सामने आ चुके हैं।
वर्तमान हादसे के बाद इस मॉडल पर उठे सवालों में और बढ़ोत्तरी हो गई है। अहमदाबाद हादसे के बाद बोइंग के शेयर में करीब 8% की गिरावट दर्ज की गई है।

पूर्व कर्मियों ने भी उठाए थे सवाल

Boeing में काम कर चुके कुछ इंजीनियरों ने 2024 की शुरुआत में ही आरोप लगाया था कि कंपनी 777 और 787 विमानों के निर्माण में सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर रही है।
सैम सोल्ट्लिंग, जॉन बार्नेट जैसे वरिष्ठ इंजीनियरों ने कहा था कि बोइंग उत्पादन प्रक्रिया में जल्दबाज़ी कर रही है और आवश्यक सुरक्षा परीक्षणों को दरकिनार कर रही है।
FAA (Federal Aviation Administration) की रिपोर्ट में भी सामने आया कि कई निर्माण इकाइयों में गुणवत्ता की गंभीर समस्याएं थीं। बोइंग द्वारा इसे दबाने के प्रयास भी सामने आए।

रमेश की चमत्कारी बचत: “जब होश आया, चारों ओर लाशें थीं”

रमेश विश्वास कुमार, जो सीट 11A पर बैठे थे, इस दर्दनाक हादसे के एकमात्र जीवित यात्री के रूप में सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि टेकऑफ के 30 सेकंड बाद तेज़ आवाज़ आई और विमान गिर गया।
“मैं जब होश में आया तो चारों तरफ लाशें थीं। मैं किसी तरह बाहर आया और अस्पताल पहुंचा,” – रमेश, अस्पताल से
उनके भाई अजय भी फ्लाइट में थे, लेकिन अब तक उनका पता नहीं चल पाया है।

गृह मंत्री अमित शाह पहुंचे अस्पताल

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में घायल यात्रियों से मुलाकात की और रमेश समेत अन्य को हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि “यह हादसा दुखद है और इसकी गहन जांच होगी।”

जांच और निष्कर्ष: क्या ड्रीमलाइनर फिर से जांच के घेरे में आएगा?

DGCA और एयर इंडिया ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। ब्लैक बॉक्स रिकवरी और तकनीकी रिपोर्ट का इंतज़ार है। लेकिन यह घटना स्पष्ट करती है कि ड्रीमलाइनर विमानों के निर्माण, निगरानी और संचालन में सुधार की सख्त ज़रूरत है।

निष्कर्ष:

सीट 11A इस हादसे में एक चमत्कार की पहचान बन गई है। लेकिन साथ ही यह हादसा हमें यह भी याद दिलाता है कि आधुनिक तकनीक के बावजूद सुरक्षा में कोई चूक भारी पड़ सकती है। बोइंग के ड्रीमलाइनर मॉडल को लेकर जो चिंताएं वर्षों से उठती रही हैं, अब उन्हें गंभीरता से लेने का समय आ गया है।

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