संस्कृतभारती गोरक्षप्रान्त –संस्कृत उत्थान हेतु विचार-मंथन एवं कार्ययोजना बनी
देवरिया, 10 मार्च। प्रमोद कुमार यादव की रिपोर्ट
संस्कृत भाषा की वर्तमान स्थिति की समीक्षा और उसके उत्थान के लिए आवश्यक योजनाओं पर विचार करने हेतु संस्कृतभारती गोरक्षप्रान्त की दो दिवसीय प्रान्त समीक्षा-योजना गोष्ठी का आयोजन सरस्वती विद्यामंदिर, देवरिया में किया गया। इस गोष्ठी में प्रान्त के छह जनपदों से आए कार्यकर्ताओं और विद्वानों ने सहभागिता की। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से आए संस्कृतभारती के अखिल भारतीय अध्यक्ष एवं सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. गोपबन्धु मिश्र के मार्गदर्शन में देवभाषा संस्कृत के पुनर्जागरण हेतु गहन चिंतन-मंथन हुआ।

संस्कृत पुनर्जागरण का आह्वान
कार्यक्रम में महासविता योगाश्रम, देवरिया के संस्थापक स्वामी अच्युतानन्द सरस्वती ने ऋषि परंपरा का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने अपने आशीर्वचन में कार्यकर्ताओं से निष्काम भाव से योगस्थ हो कर संस्कृत सेवा करने और भगवान श्रीकृष्ण के समान संस्कृत-रथ के सारथी बनने का आह्वान किया।

संस्कृत को जन-जन तक पहुँचाने का संकल्प
गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे प्रो. गोपबन्धु मिश्र ने अपने पाथेय में संस्कृत पुनर्जागरण हेतु कार्यकर्ताओं को समाज में सघन संपर्क करने और संस्कृत को जन-जन तक पहुँचाने का संदेश दिया। संस्कृतभारती गोरक्षप्रान्त के प्रान्त मंत्री डॉ. जोखन पाण्डेय शास्त्री ने अपने प्रस्ताविक भाषण में संस्कृत को जनभाषा बनाने के संकल्प का आह्वान करते हुए संस्कृत भाषा की उपयोगिता एवं महत्व पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. दुर्गेश पाण्डेय ने किया एवं आभार ज्ञापन विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री अनिरुद्ध सिंह ने किया।

वृहद वार्षिक कार्ययोजना बनी
गोष्ठी में संस्कृत शिक्षण और प्रचार से संबंधित कई योजनाएँ बनीं, जिनमें शामिल हैं—
✅ पत्राचार द्वारा संस्कृत शिक्षण – पत्राचार द्वारा संस्कृत योजना के अनुसार घर बैठे संस्कृत सीखने के लिए नवीन छात्रों का संग्रह।
✅ संस्कृत शिक्षक प्रशिक्षण – प्रशिक्षण वर्गों के माध्यम से संस्कृत शिक्षकों का प्रशिक्षण करना।
✅ बाल संस्कार केंद्रों की स्थापना – 25 नए स्थानों पर संस्कृत सीखने के केंद्र प्रारंभ करना।
✅ संभाषण शिविरों का आयोजन – प्रान्त के सभी 10 जनपदों में संस्कृत संभाषण शिविर।
✅ गीता पारायण केंद्रों की स्थापना – 18 नए स्थानों पर गीता पाठ केंद्रों का शुभारंभ।
✅ कार्य विस्तार का संकल्प – संस्कृतानुरागियों, संस्कृत विद्वानों और कार्यकर्ता की सामूहिक शक्ति से इस वर्ष प्रान्त के 50 विकासखण्डों में कार्य विस्तार करने का संकल्प लिया गया।
नवीन दायित्वों की घोषणा
गोष्ठी के पश्चात् क्षेत्र संगठन मंत्री श्री प्रमोद पंडित की अनुमति से प्रान्त मंत्री डॉ. जोखन पाण्डेय एवं प्रान्त संगठन मंत्री डॉ. प्रकाश झा ने कार्यकर्ताओं के नूतन उत्तर दायित्वों की भी घोषणा की –
📌 प्रान्तीय श्लोक पाठन केंद्र प्रमुख – डॉ. राजेश चतुर्वेदी
📌 देवरिया विभाग संयोजक – डॉ. दुर्गेश पाण्डेय
📌 देवरिया जिला संयोजक – डॉ. त्रिपुरारी मिश्र
📌 कुशीनगर जिला संयोजक – श्री पवन तिवारी
📌 बलिया जिला संयोजिका – श्रीमती अनीता पाण्डेय
📌 देवरिया नगर संयोजक – श्री फणिन्द्र मणि त्रिपाठी
📌 भागलपुर खंड संयोजक – डॉ. सत्यप्रकाश मिश्र
सलेमपुर से डॉ. बिन्ध्याचल दूबे ने इस पुनीत कार्य में हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।

संस्कृत को मिला स्वामी जी का संरक्षण – देवरिया में बहेगी संस्कृत की गंगा
संस्कृतभारती की इस समीक्षा-योजना गोष्ठी ने संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए नई ऊर्जा प्रदान की है। स्वामी अच्युतानन्द सरस्वती के संरक्षण और विद्वानों के मार्गदर्शन में देवरिया सहित पूरे गोरक्षप्रान्त में संस्कृत आंदोलन को और गति मिलेगी।
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