संस्कृत भारती गोरक्षप्रान्त की कार्ययोजना गोष्ठी 8 मार्च को देवरिया में

संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने का संकल्प

देवरिया, 2 मार्च: संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार और इसके विकास को लेकर संस्कृत भारती गोरक्षप्रान्त द्वारा 8-9 मार्च को सरस्वती विद्या मंदिर, देवरिया में एक महत्वपूर्ण प्रान्तीय गोष्ठी आयोजित की जाएगी। इस बैठक में गोरक्षप्रान्त के 11 जिलों से संस्कृत भाषा आंदोलन से जुड़े सक्रिय कार्यकर्ता भाग लेंगे। इस गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य संस्कृत भाषा को जन-जन तक पहुँचाना और इसके प्रचार-प्रसार के लिए नई योजनाएँ बनाना है।

गोष्ठी से पहले जनसंपर्क अभियान

गोष्ठी की तैयारी के अंतर्गत संस्कृत भारती के कार्यकर्ताओं द्वारा संस्कृत विद्वानों और आम जनता से संवाद स्थापित करने के लिए जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में देवरिया नगर, सलेमपुर, लार और भागलपुर में कार्यकर्ताओं ने विभिन्न स्थानों पर लोगों से मुलाकात की और उन्हें इस अभियान से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान संस्कृत भारती के संगठन मंत्री डॉ. प्रकाश झा, जिला मंत्री डॉ. दुर्गेश पांडेय, सलेमपुर संयोजक डॉ. त्रिपुरारी मिश्र, भागलपुर खंड संयोजक डॉ. सत्यप्रकाश मिश्र और श्री विन्ध्याचल दूबे सहित कई अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने का संकल्प

इस गोष्ठी के दौरान संस्कृत भाषा को अधिक प्रचलित करने और समाज के विभिन्न वर्गों तक पहुँचाने के लिए कई योजनाएँ बनाई जाएंगी। इनमें संस्कृत संभाषण शिविर, विद्यालयों में संस्कृत शिक्षण को बढ़ावा, ऑनलाइन और डिजिटल माध्यमों से प्रचार, तथा संस्कृत साहित्य और ग्रंथों का अधिक अध्ययन और प्रचार जैसे विषय शामिल होंगे।

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संस्कृत भारती का उद्देश्य

संस्कृत भारती का लक्ष्य संस्कृत भाषा को पुनर्जीवित करना और इसे बोलचाल की भाषा के रूप में पुनः स्थापित करना है। इस अभियान के तहत न केवल विद्यार्थियों और विद्वानों को, बल्कि आम जनता को भी संस्कृत से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।

डॉ. त्रिपुरारी मिश्र का संदेश

गोष्ठी की तैयारियों पर डॉ. त्रिपुरारी मिश्र ने कहा, “संस्कृत हमारी प्राचीन और समृद्ध भाषा है। इसके प्रचार-प्रसार के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। संस्कृत केवल एक भाषा नहीं, बल्कि हमारे संस्कार और संस्कृति की आत्मा है। संस्कृत भारती इस दिशा में निरंतर कार्य कर रही है और यह गोष्ठी हमारी आगामी योजनाओं को और प्रभावी बनाने में सहायक होगी। हम सभी लोगों से अपील करते हैं कि वे इस अभियान से जुड़ें और संस्कृत भाषा को जन-जन तक पहुँचाने में योगदान दें।”

इस गोष्ठी के सफल आयोजन से संस्कृत भाषा के प्रचार में एक नया आयाम जुड़ेगा और संस्कृत भारती का मिशन और मजबूत होगा।

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