लार (एसएनबी): लार थाना क्षेत्र के महुजा स्थित विवेकानंद विद्यापीठ में आयोजित पाँच दिवसीय ग्रीष्मकालीन शिविर का समापन रविवार को हर्षोल्लास के साथ हुआ। इस शिविर का प्रमुख उद्देश्य विद्यार्थियों के शारीरिक, मानसिक, नैतिक और बौद्धिक विकास के साथ-साथ संस्कृत भाषा के मूल तत्वों को सिखाना भी रहा, जिससे बच्चों में भारतीय संस्कृति के प्रति अनुराग विकसित हो।
शिविर के दौरान विद्यार्थियों ने योग अभ्यास, सूर्य नमस्कार, गीता पाठ, संस्कृत संभाषण एवं श्लोकों का उच्चारण, प्रेरणादायक कहानियाँ, खेल गतिविधियाँ, आत्मचिंतन सत्र तथा व्यक्तित्व विकास से जुड़ी रोचक क्रियाओं में भाग लिया। बच्चों में अनुशासन, आत्मविश्वास और नैतिक मूल्यों को विकसित करने के लिए गतिविधियाँ योजनाबद्ध ढंग से आयोजित की गईं।
संस्कृत संभाषण,श्लोकों और गीतापाठ ने बच्चों के मन-मस्तिष्क को सकारात्मक ऊर्जा से भर दिया। शिविर में दीप्मी, जया, काजल, अतुल, विवेक, हिमांशु, अर्शिन, उमंग, दुर्गेश, अमित आदि विद्यार्थियों ने अपनी सक्रिय भागीदारी से शिविर को जीवंत बनाया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी के सदस्य अश्विनी कुमार राय, शिक्षण प्रशिक्षक रवि प्रकाश सिन्हा, संस्कृत भारती देवरिया के जिला संयोजक डॉ. त्रिपुरारी मिश्रा, धर्मदास जी, डॉ. रघुपति द्विवेदी समेत कई विशिष्टजन उपस्थित रहे। अतिथियों ने शिविर में बच्चों द्वारा सीखी गई नैतिक शिक्षाओं की प्रशंसा करते हुए उन्हें जीवन में अपनाने की प्रेरणा दी।
समापन सत्र में बच्चों ने नाटक, अनुभव कथन, संस्कृत सम्भाषण ,वाचन, गीत प्रस्तुति आदि में शानदार प्रदर्शन किया। शिवानी, विवेक, अमित, अतुल ने अपने विचार साझा कर सभी को भावविभोर कर दिया।
यह पाँच दिवसीय शिविर विद्यार्थियों के लिए न केवल ग्रीष्मकालीन अवकाश का सार्थक उपयोग था, बल्कि संस्कृत, संस्कृति और संस्कार से जुड़ने का एक सशक्त माध्यम भी बना।
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