क्या है वो रिकॉर्ड जिसको डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के 47 वें राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही तोड़ देंगे ? क्या पड़ेगा भारत पर प्रभाव ?

दूसरी बार जनवरी 2025 में राष्ट्रपति की शपथ लेते ही डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के इतिहास का एक रिकॉर्ड को तोड़ देंगे जो 130 साल पहले दर्ज हुआ था । स्टीफन ग्रोवर क्लीवलैंड 130 साल पहले सन 1885 से 1889 तक अमेरिका के 22 वें राष्ट्रपति चुने गए थे , वे दुबारा सन 1893 से 1897 तक अमेरिका के 24 वें राष्ट्रपति रहे । वहीँ डोनाल्ड ट्रम्प सन 2016 रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से चुनाव जीतकर अमेरिका के 45 वें राष्ट्रपति बनें , इसके पश्चात 2024 में अमेरिका के राष्ट्रपति का चुनाव जीत चुके हैं । और दूसरी बार अमेरिका के 47 वें राष्ट्रपति बनेंगे ।

अमेरिका का पंसेल्वेनिया राज्य , कहा जाता है की जो इस गढ़ में जीत दर्ज कर लेता है, वो बढ़त बना लेता है ,क्योंकि यहाँ 19 निर्वाचक मंडल वोट हैं । ट्रम्प ने यहाँ शानदार जीत दर्ज की । फॉक्स न्यूज़ ने ट्रम्प के वहां से जीत दर्ज करते ही ये घोषणा कर दी की अमेरिका के अगले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प होंगे । डोनाल्ड ट्रम्प ने अपनी जीत पर फ्लोरिडा के कन्वेंशन से समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा,” अमेरिकावासियों आपको धन्‍यवाद। हमने असंभव को संभव कर दिखाया है। सीनेट पर हमारा कंट्रोल हो गया है। यह अमेरिकावासियों की जीत है। मैं आपके परिवार और भविष्‍य के लिए लड़ूगा।” डोनाल्ड ट्रम्प ने कहाँ हम अपनी सेना को मजबूत बनायेंगे और अब हम कोई जंग नहीं होने देंगे ।”

चुनावों के पहले और चुनावों के मध्य डोनाल्ड ट्रम्प और कमला हैरिस के बीच कांटे की टक्कर थी । फिर ऐसा क्या हुआ की ट्रम्प ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की ?
कमला हैरिस के चुनाव हारने का सबसे बड़ा कारण खुद राष्ट्रपति जो बाइडेन हैं । अमेरिकी मतदाताओं के मन में राष्ट्रपति जो बाइडेन की छबी कमजोर राष्ट्रपति की होती चली गयी तथा उनके कार्यकाल में UN का विश्व पर कोई प्रभाव होता नहीं दिखा । उक्रेन रूस युद्ध हो या हमास का इस्राइल पर आतंकी हमला हो दोनों ही युद्ध को रुकवाने में बाइडेन प्रशासन नाकामयाब रहा । यहूदी वोटर्स ने भो डोनाल्ड ट्रम्प को वोट दिया ।

डोनाल्ड ट्रम्प की जीत का के कई कारण है , ट्रम्प पर दो बार जानलेवा हमले हुए इससे ट्रम्प को sympathy वोट्स मिले । इसके अलावा डोनाल्ड ट्रम्प अपनी आक्रामकता के लिए जाने जाते है उन्होंने चुनावों में उन मुद्दों को उठाया जो सीधे वोटर्स को लुभाने में मददगार साबित हुए जैसे ट्रम्प अश्वेत और लेटिन वोटर्स का भरोसा जितने में कामयाब रहे । ट्रम्प ने फ्लोरिडा के मिआमी जो की डेमोक्रेट्स का गढ़ था वहां 68 % वोटर्स लैटिन हैं यहाँ से ट्रम्प ने जीत दर्ज की जिसको शायद ट्रम्प को भी उम्मीद नहीं थी ।

बाइडेन के प्रशासन में अमेरिका की अर्थव्यवस्था काफी कमजोर हुई जिसका मुद्दा ट्रम्प ने जोर-शोर से उठाया । उन्होंने बेरोजगारी , महंगाई , मुद्रास्फीति और कमजोर अर्थव्यवस्था का मुद्दा उठाया और कमला हैरिस को घेरा । डोनाल्ड ट्रम्प की जीत का एक और अहम् कारण उनका चुनावों में घोषणा करना की वे लोगों की इनकम टेक्स को या तो ख़त्म कर देंगे या तो बहुत ही सिमित कर देंगे , इसके लिए उन्होंने सीधे तौर पर कहा की चीन जैसे देशों से आने वाली वस्तुओं पर भरी टैरिफ लगायेंगे और उससे भरपाई करेंगे । इन मुद्दों ने ट्रम्प को जितने में बड़ी भूमिका अदा की ।

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डोनाल्ड ट्रम्प की एतिहासिक जीत पर प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बधाई सन्देश में x हैंडल पर लिखा , “मेरे मित्र @realDonaldTrump को ऐतिहासिक चुनावी जीत पर हार्दिक बधाई। जैसा कि आप अपने पिछले कार्यकाल की सफलताओं को आगे बढ़ा रहे हैं, मैं भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए हमारे सहयोग को नवीनीकृत करने की आशा करता हूँ। आइए हम सब मिलकर अपने लोगों की बेहतरी के लिए काम करें और वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा दें। “

डोनाल्ड ट्रूम के राष्ट्रपति चुने जाने से भारत को विशेष कोई लाभ या नुकसान नहीं होने वाला है । परन्तु चुनावों के दौरान डोनाल्ड ट्रम्प ने हिन्दुओं को लेकर एक स्टेटमेंट दिया था , जो भारत में काफ़ी वायरल हुआ था । सब जानते हैं की बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद हिन्दुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ बहुत हिंसा देखने को मिली , इसी के तहत डोनाल्ड ट्रम्प ने x हैंडल पर कहा , ” मैं हिंदुओं, ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ बर्बर हिंसा की कड़ी निंदा करता हूं, जिन पर बांग्लादेश में भीड़ द्वारा हमला किया जा रहा है और लूटपाट की जा रही है, जो पूरी तरह से अराजकता की स्थिति में है।

मेरे कार्यकाल में ऐसा कभी नहीं होता। कमला और जो ने दुनिया भर में और अमेरिका में हिंदुओं की अनदेखी की है। वे इजरायल से लेकर यूक्रेन और हमारी अपनी दक्षिणी सीमा तक तबाही मचा चुके हैं, लेकिन हम अमेरिका को फिर से मजबूत बनाएंगे और ताकत के जरिए शांति वापस लाएंगे!

हम कट्टरपंथी वामपंथियों के धर्म-विरोधी एजेंडे के खिलाफ हिंदू अमेरिकियों की भी रक्षा करेंगे। हम आपकी आजादी के लिए लड़ेंगे। मेरे प्रशासन के तहत, हम भारत और मेरे अच्छे दोस्त, प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी महान साझेदारी को भी मजबूत करेंगे ।” अब देखना ये है की राष्ट्रपति बनने के बाद बांग्लादेश की युनुस के प्रति उनका क्या रूख रहता है ।

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