आखिर ये भी एक संयोग है, छठ के दौरान ही शारदा सिन्हा ने शारीर त्याग दिया, उनकी आत्मा को शांति मिले ।
बिहार कोकिला के नाम से मशहूर शारदा जी ने छठ गानों से प्रसिद्धि पाई थी , महापर्व के पहले दिन उन्होंने अंतिम साँसे ली । प्रधानमंत्री मोदी ने सुप्रसिद्ध लोक गायिका जी के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए X हैंडल पर लिखा ,” सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुःख हुआ है । उनके गाये मैथिलि और भोजपुरी के लोकगीत पिछले कई दशको से बेहद लोकप्रिय रहे हैं । आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी । उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूर्णीय छति है । शोक की इस घडी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं । ओम शांति । “
भोजपुरी सुप्रसिद्ध गायक और BJP के सांसद मनोज तिवारी ने भी बिहार कोकिला के निधन पर दुःख प्रकट करते हुए x हेंडल पर लिखा ,” छठी मैया और भक्ति संगीत के माध्यम से भोजपुरी की मिठास को देश-दुनिया में पहुँचाने वाली बड़ी बहन शारदा दीदी जी के अंतिम दर्शन आज एम्स दिल्ली में किए , दीदी शारदा का निधन भोजपुरी जगत और देश के लिए अपूर्णीय छति है । “
सलेमपुर के अग्रणी शिक्षण संस्थान जी.एम. अकेडमी के प्रधानाचार्य मोहन द्विवेदी ने बिहार कोकिला और भोजपुरी की महान गायिका और छठ गानों से सबके दिलों में बसने वाली शारदा जी के निधन पर गहरा दुःख प्रकट करते हुए कहा ,” बिहार कोकिला के नाम से मशहूर शारदा जी ने छठ गानों से प्रसिद्धि पाई थीं, महापर्व के पहले दिन उन्होंने अंतिम सांस ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा जी अब हमारे बीच नहीं रहीं..!! छठी माई शारदा जी को अपने श्री चरणों मे स्थान दे। ये बिहार और उत्तरप्रदेश के लोगो की महान छति है जिसे वर्षों पूरा नहीं किया जा सकता । ऊँ शांति । “
बिहार कोकिला शारदा सिन्हा
जन्म - 1 अक्टूबर 1952
जन्म स्थान - सुपौल जिले का हुलसा
शिक्षा - बीएड , संगीत से एम.ए.
पिता - सुखदेव ठाकुर (शिक्षा विभाग में वरिष्ठ अधिकारी )
पति - स्व. बृजकिशोर सिन्हा
1974 में पहली बार गीत गाना शुरू किया । 1974 में पहली बार " उग हो सुरुज देव " गाना रिकॉर्ड किया जो बहुत ही अधिक लोकप्रिय हुआ । 1989 में "कहे तोहसे सजना ये तोहरी सजनिया " गाने से wollywood में एंट्री ली ।शारदा जी ने समस्तीपुर विमेन कॉलेज में प्रोफेसर के तौर पर काम किया । छठ , विवाह , मुंडन, जनेऊ , विदाई तथा श्रधांजलि से सम्बंधित गाने गाये ।
72 साल की उम्र में बिहार कोकिला नाम से मशहूर शारदा सिन्हा ने दिल्ली के एम्स अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली । पद्मभूषण और पद्मश्री से सम्मानित शारदा सिन्हा बहुत समय से अस्वस्थ चल रही थी । उनके बेटे अंशुमन सिन्हा ने मिडिया को एक्स पर जानकारी दी और कहा ,” आप सब की प्रार्थना और प्यार हमेशा माँ के साथ रहेंगे । माँ को छठी मैया ने अपने पास बुला लिया है अब माँ शारीरिक रूप से हम सब के बीच नहीं रहीं ।”
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